समाज पर कलंक : तीन तलाक़

~सगुणा सिन्हा “मैंने तो माँगा था तुझसे ककड़ी खीरे और प्याज़ का सलाद, बिना सोचे समझे तूने कह दिया तलाक़- तलाक़- तलाक़ !!!”    इस विश्व में स्थापित सभी धर्मों ने तलाक़ को एक कलंक के रूप में माना है Read more